Son & Daughter Day Poem-माँ की खोज में
Son & Daughter Day Poem in Hindi
पूरब--पश्चिम,उत्तर--दक्षिण,
दर--दर दिशा नापता हूँ रोज मै,
बस माँ की खोज में |
पर्वत--पहाड़,
झील--समंदर,
दर--दर भटकता हूँ रोज मै,
बस माँ की खोज में |
चाँद--सूरज,
धरा--अम्बर,
दर--दर तकता हूँ रोज मै,
बस माँ की खोज में |
फल--फूल,नदी--जंगल,
दर--दर पता पूछता हूँरोज मै,
बस माँ की खोज में |
पशु--पक्षी,
किट--पतंगा,
दर--दर सुनता हूँ रोज मै,
बस माँ की खोज में |
मंदिर--मस्ज़िद,
काबा--कैलाश,
दर--दर शीश झुकाता हूँ रोज मै,
बस माँ की खोज में |
गीत--ग़ज़ल,
बोल--भजन,
दर--दर सुनता हूँ रोज मै,
बस माँ की खोज में |
रिश्ते--नाते,
दोस्ती--यारी,
दर--दर निभाता हूँ रोज मै,
बस माँ की खोज में |