Corona Warriors viral Video of IPS Dipanshu Kabra: देश-दुनिया में कोरोना के बढ़ते केसेस को लेकर लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। आम इंसान ना जी पा रहा है ना ही मर पा रहा है। चारों तरफ बस कोरोना वायरस का खौफ दिखाई दे रहा है। ऐसे में ट्विटर पर एक भावुक कर देने वाला वीडियो काफी वायरल हो रहा है। यह सोशल मीडिया पर IPS दीपांशु काबरा ने शेयर किया है।
वीडियो है कोरोना वॉरियर्स का. इसे देख आप समझ सकेंगे कि ये लोग मरीजों को ठीक करने को कितनी मेहनत कर रहे हैं.
वायरल हो रहा ये वीडियो सोशल मीडिया पर IPS दीपांशु काबरा ने शेयर किया. शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन लिखा, केवल उपचार नहीं कर रहे, परिवार का प्यार भी बांट रहे हैं हमारे #CoronaWarriors (Corona Warriors viral Video). गीर सोमनाथ ज़िले के हेल्थ वर्कर का यह वीडियो मन को छू गया. मेडिकल टीम बेहद तनावपूर्ण माहौल में मानवता की सेवा कर रही है. घर पर रहें, #CoronaCases औऱ ना बढ़ने देकर हम उनकी सच्ची सहायता कर सकते हैं.
Corona Warriors viral Video
केवल उपचार नहीं कर रहे, परिवार का प्यार भी बांट रहे हैं हमारे #CoronaWarriors.
गीर सोमनाथ ज़िले के हेल्थ वर्कर का यह वीडियो मन को छू गया. मेडिकल टीम बेहद तनावपूर्ण माहौल में मानवता की सेवा कर रही है.
घर पर रहें, #CoronaCases औऱ ना बढ़ने देकर हम उनकी सच्ची सहायता कर सकते हैं. pic.twitter.com/1E4YVDwLq1— Dipanshu Kabra (@ipskabra) April 12, 2021
वास्तव में इस वीडियो को देखकर लगता है जैसे मानवता आज भी किसी न किसी रूप में जिन्दा है। Covid-19 के इस भयावह माहौल में हम सभी को इसी तरह मिलकर एक-दूसरे की मदद करना चाहिए। ऐसे कितने ही वीडियो है, जो इस महामारी में वायरल हो रहे है। कितने ही ऐसे सेवा भावी लोग हैं जो हर पल किसी न किसी की मदद कर रहे है। लेकिन सोशल मीडिया पर नहीं दिखाई देते है।
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में बीते 24 घंटे में कोरोना से कुल 1,62,736 लोग संक्रमित हुए हैं. वहीं 879 लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई है. बता दें कि बीते 24 घंटे में ही 97,168 लोगों को इलाज कर ठीक किया जा चुका है. देश में अबी कुल 12,64,698 कोरोना के एक्टिव मामले हैं.
ऐसे किया जाता है कोरोना वायरस का टेस्ट
कोविड -19 (कोरोना वायरस) के टेस्ट में किसी प्रकार का ब्लड टेस्ट नहीं होता है। कोविड-19 टेस्ट में गले की खराश या फिर नाक की एक स्वैब के जरिए जांच की जाती है। सैंपल लेने के बाद, नोडल अस्पतालों में तैनात डॉक्टर जांच करते हैं कि क्या व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है या नहीं? नहीं तो आपको घर पर ही आइसोलेट रहने के लिए कहा जा सकता है। यदि टेस्ट पॉजिटिव आते हैं, तो ठीक होने तक संक्रमित व्यक्ति को कम से कम 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन यानी एकांत में रहने की आवश्यकता हो सकती है।