Note Demonetisation: आठ नवम्बर 2016का दिन देश के इतिहास में कभी न भूला जाने वाला दिन बन गया है |500 और 1000 का नोट बंदकर प्रधानमंत्रीजी ने काले धन वालो की तो नहीं पर हाँ गरीब जनता की कमर जरुर तोड़ दी है |
गौरतलब बात तो यह है की अडाणी और अंबानी परिवार तो सिलेब्स के साथ पार्टिया कर रहे है,और गरीब जनता बैंक और ATM की लाईन में लगी पैसा निकाल रही है इससे तो यह सिद्ध होता है कि गरीब अवाम के पास ही कालाधन है…. पता नहीं किसके अच्छे दिन है अड़ाणी-अंबानी के या गरीब जनता के |
गरीबो के हितैषी R.B.I गवर्नर रघुराम राजन को हटाकर अमीरों के हिमायती अंबानी परिवार के दामाद उर्जित पटेल को RBI गर्वनर बनाकर बड़े उघौगपतियों का धन तो मोदी जी पहले ही वाइट कर चूके है,बस मासूम जनता और छोटे-छोटे व्यापारियों को परेशान कर कैसा कालाधन निकलवाने का गौरखधंधा चल रहा है ये तो ईश्वर ही जानता है कितनी जाने पैसे बदलवाने के लिए लाईन में लगकर निकल गई वो रब ही जानता है|
अवाम गुस्से में भरी बैठी है | फिर भी किसी में सार्मथ्य नहीं की विरोध कर सके| सही को सही और गलत को गलत कह सके |मुझे बचपन की कहानी याद आती है की एक राजा को नये-नये कीमती वस्त्र पहनने का शौक था उसे दो ठगों ने कपड़ो के नाम पर ठगा और कहा की ये वस्त्र हीरे-मोती व अद्वितीय कारीगरी से से बने है जो मात्र उसे ही दिखेगे जिसने कभी झूठ-फरेब ना किया हो| दोनों ठगों ने राजा को नंगा कर जनता के दरबार में भेज दिया | हर व्यक्ति ने उन कपड़ो की तारीफ़ की पर एक छोटे बच्चे ने कहा अरे राजा तो नंगा है |इसी तरह हमारे देश में भी जो प्रधानमंत्री के इस Note Demonetisation कदम का विरोध कर रहे है, देश द्रोही या कालाधन आपके पास होगा आदि कर वचन सुनने को मिल रहे है |सत्य कहने का सार्मथ्य लौगो से छिना जा रहा है |

हिटलरी सिधांत को सही तरह से आपने फालो किया है की किसी झूठ बात को 100 बार बोलो तो वह सही हो जाती है |क्या आप हमारी शिक्षा हमें सच भी कहने का सार्मथ्य नहीं दे रही| या नक्कार खाने में तूती की आवाज ने सच को ढक दिया है?
Your article made me suddenly realize that I am writing a thesis on gate.io. After reading your article, I have a different way of thinking, thank you. However, I still have some doubts, can you help me? Thanks.