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Environment Day of World Poem in Hindi
पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से कहीं दूर
गले में कम्पुटर,हाथ में मोबाईल,
बातों में संजोये आधुनिक स्टाईल,
मै मालामाल रहूंगा हर पल
ऐसा होगा मेरा कल |
मेरे बाल–बच्चे बम बारूद(आविष्कार) से खेलेंगे,
एक अलग ही दुनिया में जहाँ,
ना अज्ञानता होगी,ना बेरोजगारी का बोल,
जिन्दगी होगी वर्तमान से कहीं ज्यादा खुशहाल,
ऐसा होगा मेरा कल |
फिल्मो में,राजनीती में,व्यापार में,
खेलों में और वैज्ञानिक हलचल में,
भूतकाल का कहीं नाम ना होगा,
एक अजब–गजब सी होगी पहल,
ऐसा होगा मेरा कल |
पशु–पक्षी भी वाहनों में,वायुयानों में,
या किसी एयर–कंडिशनर में करेंगे सफ़र,
इनके गले में पोस्टर पर,साफ़ लिखा होगा,
डोंट डिस्टर्ब मी,आई एम् बीजी एनीमल,
ऐसा होगा मेरा कल |
हर बच्चे की जुबा विज्ञान बन जाएगी,
पैदा होते ही अणु,परमाणु,हईड्रोजन दोहराएंगे,
आँखे उनकी चाँद,मंगल,अंतरिक्ष में खुलेंगी,
और सम्पूर्ण ब्रम्हांड में करेंगे कदम–ताल,
ऐसा होगा मेरा कल |
या यूँ कि
……………….
पाश्चात्य सभ्यता के बड़ने से,
विज्ञान के सर पर चड़ने से,
मानवों का चारों तरफ नंगा नाच होगा,
बदल जायेगी इस धरती की शकल,
ऐसा होगा मेरा कल |
मानवता जह्न्नुमन से बद्तर हो जायेगी,
यमराज बैठा ईन्तजार करेगा मानव मरण का,
मगर एक सुई की चुभन से उम्र बड़ जायेगी,
सब ज्योतिषियों की ज्योतिषी होगी विफल,
ऐसा होगा मेरा कल |
सभी जीवित प्राणी डिहाईडरेटेड हो जायेंगे,
भोजन की कमी में एक दुसरे को खायेंगे,
ऐसी दुसित हो जाएगी धरती माता,
चारों तरफ होगा दलदल ही दलदल,
ऐसा होगा मेरा कल |
जब क्लोनिग से बनेंगे नए प्रतिरूप,
तो आतंकवादी अकड़ में आ जाएंगे,
विश्व में बस आतंक का होगा जंजाल,
तब उस यांत्रिक युग में ना होगा कोई हल,
ऐसा होगा मेरा कल|
मेरी परछाई को मै ढूंढ ना पाउँगा,
उस बडती हुई जनसंख्या के जाल में,
सब पेड़ों का हो जाएगा बुरा हाल,
और तब भविष्य में लोगों को याद आएगा भूतकाल,
ऐसा होगा मेरा कल |