काश, की मेरे सिने में भी दिल होता,
मेरे ना सही, किसी और के सिने में धड़कता,
उसके एहसासों का मनचला मंज़र,
यूँ मेरी साँसों की लहरों से गुजरता,
वो आंहें भरती तन्हाई में और
मुझे उसकी महफ़िल का खुमार
Freaky Funtoosh | Entertainment News And Visual Stories
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काश, की मेरे सिने में भी दिल होता,
मेरे ना सही, किसी और के सिने में धड़कता,
उसके एहसासों का मनचला मंज़र,
यूँ मेरी साँसों की लहरों से गुजरता,
वो आंहें भरती तन्हाई में और
मुझे उसकी महफ़िल का खुमार