Painful Poetry: जाने क्यूँ ये दर्द,मीठा-मीठा-सा लगता है
Painful Poetry in Hindi जाने क्यूँ ये दर्द, मीठा-मीठा -सा लगता है हर ज़ख्म पर कोई, मिश्री घोल रहा हो जैसे अपने ही आंसुओं पर,…
Painful Poetry in Hindi जाने क्यूँ ये दर्द, मीठा-मीठा -सा लगता है हर ज़ख्म पर कोई, मिश्री घोल रहा हो जैसे अपने ही आंसुओं पर,…