Love Affair Poetry In Hindi – सिसकती साँसों से पूछो,मेरा क्या है? सिसकती साँसों से पूछो, वक्त का पहरा क्या है ? रजनी लपेटे सफेदी में, शशि में इतना, गहरा क्या है? है भान नभ के, भानु प्रताप को, लबों पे लालिमा लिए, सवेरा क्या है? क्यूँ गुलशन करता, नाज इतना शुलों पे,…
Tag: हिंदी कविता
Sun Rise Poetry: सिसकती साँसों से पूछो,मेरा क्या है?
Sun Rise Poetry in Hindi सिसकती साँसों से पूछो, वक्त का पहरा क्या है ? रजनी लपेटे सफेदी में, शशि में इतना, गहरा क्या है? है भान नभ के, भानु प्रताप को, लबों पे लालिमा लिए, सवेरा क्या है? क्यूँ गुलशन करता, नाज इतना शुलों पे, है एहसास गुलों को, भंवरों का पहरा क्या…
Crime Poetry in Hindi: दर्द का बाज़ार है,ज़ख्मो का व्यापार है
Crime Poetry in Hindi दर्द का बाज़ार है ,ज़ख्मो का व्यापार है बहते खून पसीने का मोल क्या यहाँ ? शराबों में डूबा हुआ गुले गुलजार है | रखैलों ने इज्जत का जिम्मा उठाया है देखो भरी महफिलों में तन-बदन लुटाया है देखो| धर्मो की धज्जियां उड़ा रहे है पाखंडी और रंडी के मजे…
Drunk Student Poetry: उठो लल्लू दारु लाया कुल्ला कर लो
Drunk Student Poetry in Hindi उठो लल्लू अब आँखे खोलो दारू लाया कुल्ला कर लो बीती रात बहुत चड़ाई तुमने की ना रत्ती भर पढाई एक्ज़ाम का वक्त है भाई खोलो पोथी पुस्तक २-४ आखर पडलो साईं टॉप तो मार ना पाओगे चिट नहीं बनाई…
Romantic Thirst Poetry: जाने किस बरसात,बुझेगी मेरी प्यास
उसकी याद दिलाती हे , उसका चेहरा बताती हे, मंद-मंद बहते हुए यूँ गुनगुनाती हे उसका नाम, ये ढलती हुई शाम | Romantic Thirst Poetry in Hindi उसके प्यार का विश्वाश दिलाती हे, उसके प्यार का एहसास दिलाती हे, चोरी-चोरी,चुपके -चुपके यूँ मुजको सुनाती हे उसका पैगाम, ये ढलती हुई शाम | धीरे-धीरे से…