Crime Poetry in Hindi freaky funtoosh

Crime Poetry in Hindi: दर्द का बाज़ार है,ज़ख्मो का व्यापार है

Crime Poetry in Hindi

दर्द का बाज़ार है ,ज़ख्मो का व्यापार है
बहते खून पसीने का मोल क्या यहाँ ?
शराबों में डूबा हुआ गुले गुलजार है |
रखैलों ने इज्जत का जिम्मा उठाया है देखो
भरी महफिलों में तन-बदन
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