Love Poetry in Hindi
तितलियों पर सवार हो,उड़ती हुई आएगी वो,
गुलशनो से गुलों का अर्क लबों पे समेट लाएगी वो,
तड़पायेगी,तरसाएगी,और थोड़ा गुरुर में गरमाएगी वो,
चुपके से विरानो में, हल्के से कानो में शरमाएगी वो,
बहारों का बेशकीमती
Freaky Funtoosh | Entertainment News And Visual Stories
Freaky Funtoosh | Entertainment News And Visual Stories
फिर भी खाबों में जुलाबों के निशाँ है क्यूँ?
पडोसी को परदेसी की पत्नी पराई लगती है,
फिर भी बारिश भिकारी पे मेहरबाँ है क्यूँ?
तुफानो में