जाने क्यूँ ये दर्द, मीठा-मीठा -सा लगता है हर ज़ख्म पर कोई, मिश्री घोल रहा हो जैसे अपने ही आंसुओं पर, दरिया बन गई है ये आँखें हर नज़र में…
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मेरी जान-सर्च इंजन
यु ट्यूब में नहाकर आई हो, या देसी ठर्रा पीकर आई हो, गूगल गम खाकर आई हो, या कोलावेरी डी गाकर आई हो | याहू का सिर्फ यम्मी यकिन…
काश,मेरे सिने में भी दिल होता पारो
काश, की मेरे सिने में भी दिल होता, मेरे ना सही, किसी और के सिने में धड़कता, उसके एहसासों का मनचला मंज़र, यूँ मेरी साँसों की लहरों से गुजरता, वो…