तितलिओं पर सवार हो,उड़ती हुई आएगी वो, गुलशनो से गुलों का अर्क लबों पे समेट लाएगी वो, तड़पायेगी,तरसाएगी,और थोड़ा गुरुर में गरमाएगी वो, चुपके से विरानो में, हल्के से कानो…
Tag: romantic poetry
वो यूँही नही भीगने लगी,उसने कुछ तो सोचा होगा
वो यूहीं नहीं भीगने लगी बरसातों में, शायद बारिशों ने उसके बदन को यूँ छुआ होगा, एहसास-ऐ-इश्क भी कोई मंजर है यारों, उसने कुछ तो सोचा होगा, उसने कुछ तो…