कोरोना संक्रमित ख़बर: दुनिया में कोरोना का भय सिर चड़कर बोल रहा है, वहीँ चीन ने देश में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए सीमाएं खोल दी हैं. जी हाँ, अपने बिलकुल सही सुना है. ऐसा करने से देश में खासा उत्साह का माहौल बना है. अब चाइना में घूमने-फिरने के शौकीन युवाओं में कोविड का भय काफूर हो चूका है. सबसे खास बात वे खुद को इस उम्मीद में कोविड से संक्रमित कर रहे हैं, ताकि उनके शरीर में कोरोना प्रतिरोधक क्षमता आ जाए.
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जीरो कोविड पॉलिसी (Zero Covid Policy) में सुस्ती होने के कारण और देश में लाखों की तादाद में संक्रमित लोग मिलने के बावजूद चीन ने सीमाएं खोलने का कदम उठाया है. दूसरी तरफ, अस्पतालों में न डॉक्टर, न एम्बुलेंस और न ही बेड मिल रहे है. वहीँ, बुजुर्गों की जान हलक में अटकी है. दूसरी ओर सरकार द्वारा घूमने फिरने की आजादी मिलने से युवावर्ग खुद को कोविड संक्रमण का जोखिम उठा रहे हैं. उनका ऐसा मानना है कि ऐसा करने से वे कोविड के खिलाफ अपनी इम्युनिटी हासिल कर लेंगे और बार-बार होने वाले कोरोना संक्रमण से बच पाएंगे. इतना ही नही, इस से उनके परिवार के लोगों के लिए संक्रमित होने का खतरा कम हो जाएगा.
चीन के युवाओं में खौफ नहीं उत्साह
यह किसी आश्चर्य से कम नहीं कि चीन में कोविड को लेकर युवाओं की सोच बिलकुल अलग है. ये युवा अपनी खुशियों की खातिर कोरोना का खतरा मोल लेने को भी तैयार हैं. वहीँ, शंघाई के एक युवक का कहना है कि उसने कोई चायनीज कोरोना वैक्सीन नहीं ली, इसके बावजूद वे छुट्टियों की योजना नहीं बदलेंगे. उसको यह भी भरोसा है कि यदि “मैं जानबूझकर संक्रमित हुआ तो ठीक भी हो जाऊंगा” और छुट्टी के दौरान फिर से संक्रमित नहीं होऊंगा.
चाइना की सीमाएं खुलने से लोगों में उत्साह
चीन की एक युवती ने कहा कि वह अपनी कोरोना पॉजिटिव दोस्त से मिलने गई, ताकि उसे भी कोविड हो जाए. दूसरी और उत्तरी झेजियांग प्रांत की एक युवती ने कहा कि देश की सीमाएं फिर से खुलने से वह बहुत रोमांचित है. बतौर महिला, म्यूजिक कार्यक्रम देखने के लिए फिर से चीन के अन्य हिस्सों में जाने के लिए वह उत्साहित है. उसे जीवन फिर से सामान्य होने की बहुत खुशी हो रही है. उसने बताया कि पहले यात्रा करने के लिए आफिस के मैनेजर से अनुमति लेना पड़ती थी, ऐसे में जीवन मजाक बन गया था. फिलहाल, चीन के बड़े शहरों में लोग रेस्तरां, मॉल, और पार्कों में उमड़ने लगे हैं. इतना ही नही, विदेश यात्राओं के लिए वीजा-पर्यटन परमिट के लिए कतारें लगाईं जा रही हैं.
बुजुर्गों को हो रही इलाज में परेशानी
सबसे खास बात, वहां के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने तो ‘सामान्य वक्त लौटा’ शीर्षक से सचित्र खबर प्रकाशित कर दी है. बीजिंग शहर के चेन नामक व्यक्ति का कहना है कि चीन में कोविड के इलाज का बुरा हाल है. जानकारी में उन्होंने बताया कि पिछले माह उनके 85 साल के पिता कोविड संक्रमित हो गए तो उन्हें न एंबुलेंस मिली न ही डॉक्टर. बड़ी मुश्किल से उन्हें चायोयांग अस्पताल लेकर गए तो कहा गया कि वे या तो दूसरे अस्पताल जाएं या पिता को गलियारे में आईवी ड्रिप लगवाकर बैठ जाएं. बड़े दुःख की बात है कि वहां न बेड मिले, न श्वसन में सहायक मशीन और न अन्य मेडिकल उपकरण सुविधाएँ. हालांकि, कुछ ख़ास संपर्कों के माध्यम से उनके पिता को दूसरे अस्पताल में जगह मिल गई, लेकिन तब तक उन्हें फेफड़े में गंभीर संक्रमण फैल चुका था, वह जैसे तैसे बच गए. भगवान का लाख-लाख शुक्र है.
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