Swastika Symbol Ban in Australia: स्वास्तिक चिन्ह पर ऑस्ट्रेलिया के स्टेट्स साउथ वेल्स और विक्टोरिया में बैन लगा दिया है. इन राज्यों में स्वास्तिक चिन्ह को किसी भी जगह दिखाना कानून के खिलाफ है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया और क्वींसलैंड ने भी स्वास्तिक निशान को प्रतिबंधित करने की बात कही है.
मिली जानकारी के अनुसार, स्वास्तिक चिन्ह को ऑस्ट्रेलिया (Swastika Symbol Ban in Australia) के राज्यों साउथ वेल्स और विक्टोरिया में बैन कर दिया गया है. लेकिन इन राज्यों में हिंदू, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों के उपयोग के लिए स्वास्तिक को इस्तेमाल करने की इजाजत दी है. आपको बता दे कि जुलाई 2020 में फिनलैंड ने अपने एयरफोर्स के प्रतीक चिन्ह से स्वास्तिक निशान को हटा दिया था. वहीँ, वर्ष 2021 में अमेरिका के मैरीलैंड राज्य में स्वास्तिक को बैन करने के लिए एक बिल भी पेश किया गया था. इस बिल का हिंदू संगठनों ने जमकर विरोध किया था.
Swastika Symbol Ban in Australia Reasons
इन कारणों से स्वास्तिक को बैन किया जा रहा है… न्यू साउथ वेल्स के ज्यूइश बोर्ड ऑफ डेप्यूटीज के वर्तमान CEO डेरेन बार्क ने कहा है कि स्वास्तिक नाजियों का प्रतीक है. ये चिन्ह हिंसा को दर्शाता है. इसके अलावा कट्टरपंथी संगठन भर्ती के लिए भी इस निशान का उपयोग करते हैं. दूसरी तरफ हमारे राज्य में भी लम्बे समय से इसके प्रदर्शन पर रोक लगाने की बात चलती आ रही थी.
सुरेंद्र जैन जो कि हिंदू काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, ने कहा कि बहुत समय तक हिंदू समुदाय अपने शांति के प्रतीक स्वास्तिक को दिखाने के लिए सहज नहीं थे, क्योंकि ये एक बुराई का प्रतीक बन चूका था, लेकिन अब बात पहले जैसी नहीं है. नाजीवादी और तानाशाह हिटलर की आत्मकथा ‘मीन काम्फ’ में स्वास्तिक के नाजी प्रतीक चिन्ह (Hitler Nazi Party) बनने की कहानी 1920 की है. उस समय हिटलर अपनी नाजी सेना को ताकतवर बनाने लगा था. उसके दिमाग में सेना का झंडा बनाने का ख्याल आया.
वह एक ऐसा झंडा बनाना चाहता था जो जर्मन लोगों और सेनाओं का प्रतिनिधित्व करे. जिसको देखकर नाजियों के शरीर में जोश भर जाए. तानाशाही शासक हिटलर की आत्मकथा ‘मीन काम्फ’ (Hitler Biography Mein Kampf) में इस बात का जिक्र किया गया है. उसी वर्ष नाजी पार्टी को एक लाल रंग का झंडा मिल गया. इस झंडे के बीच में सफेद रंग का एक गोल आकार बना था. इस सर्किल के बीचों-बीच में स्वास्तिक का इस्तेमाल किया गया. नाजियों ने इसे हकेनक्रेज नाम दिया और ऐसे इस स्वास्तिक चिन्ह का जन्म हुआ.